लेखक:
देवकीनन्दन खत्री
जन्म :- 18 जून 1861 (आषाढ़ कृष्ण 7 संवत् 1918)।
जन्मस्थान :- मुजफ्फरपुर (बिहार)। निधन :- 1 अगस्त, सन् 1913। बाबू देवकीनन्दन खत्री के पिता लाला ईश्वरदास के पुरखे मुल्तान और लाहौर में बसते-उजड़ते हुए काशी आकर बस गए थे। इनकी माता मुजफ्फरपुर के रईस बाबू जीवनलाल महता की बेटी थीं। पिता अधिकतर ससुराल में ही रहते थे। इसी से इनके बाल्यकाल और किशोरावस्था के अधिसंख्य़ दिन मुजफ्फरपुर में ही बीते। हिन्दी और संस्कृत में प्रारम्भिक शिक्षा भी ननिहाल में हुई। फारसी से स्वाभाविक लगाव था, पर पिता की अनिच्छावश शुरु में उसे नहीं पढ़ सके। इसके बाद अठारह वर्ष की अवस्था में, जब गया स्थित टिकारी राज्य से सम्बद्ध अपने पिता के व्यवसाय में स्वतंत्र रूप से हाथ बँटाने लगे तो फारसी और अंग्रेजी का भी अध्ययन किया। 24 वर्ष की आयु में व्यवसाय सम्बन्धी उलट-फेर के कारण वापस काशी आ गए और काशी नरेश के कृपापात्र हुए। परिणामतः मुसाहिब बनना तो स्वीकार न किया, लेकिन राजा साहब की बदौलत चकिया और नौगढ़ के जंगलों का ठेका पा गए। इससे उन्हें आर्थिक लाभ भी हुआ और वे अनुभव भी मिले जो उनके लेखकीय जीवन में काम आए। वस्तुतः इसी काम ने उनके जीवन की दिशा बदली। स्वभाव से मस्तमौला, यारबाश किस्म के आदमी और शक्ति के उपासक। सैर-सपाटे, पतंगबाजी और शतरंज के बेहद शौकीन। बीहड़ जंगलों, पहाड़ियों और प्राचीन खँडहरों से गहरा, आत्मीय लगाव रखने-वाले। विचित्रता और रोमांचप्रेमी। अद्भुत स्मरण-शक्ति और उर्वर, कल्पनाशील मस्तिष्क के धनी। चन्द्रकान्ता पहला ही उपन्यास, जो सन् 1888 में प्रकाशित हुआ। सितम्बर 1898 में लहरी प्रेस की स्थापना की। ‘सुदर्शन’ नामक मासिक पत्र भी निकाला। चन्द्रकान्ता और चन्द्रकान्ता सन्तति (छः भाग) के अतिरिक्त देवकीनन्दन खत्री की अन्य रचनाएँ हैं :- नरेन्द्र-मोहिनी, कुसुम कुमारी, वीरेन्द्र वीर या कटोरा-भर खून, काजल की कोठरी, गुप्त गोदना तथा भूतनाथ (प्रथम छः भाग)। |
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काजर की कोठड़ीदेवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 30
हिन्दी का पहला सामाजिक उपन्यास आगे... |
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काजर की कोठरीदेवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 60 काजर की कोठरी 'चन्द्रकांता' और 'चंद्रकांता संतति'—जैसी कालजयी उपन्यासमाला के महान लेखक बाबू देवकीनंदन खत्री का एक और महत्त्वपूर्ण उपन्यास है। आगे... |
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कुसुम कुमारीदेवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 100 देवकी नन्दन खत्री का एक अनूठा उपन्यास... आगे... |
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गुप्त गोदनादेवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 75
हिन्दी का पहिला ऐतिहासिक उपन्यास आगे... |
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चंद्रकांतादेवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 500 सारा उपन्यास दौलत को छिपाने या छिपी दौलत को सही और अधिकारी हाथों सौंपने और हथिया लेने के संघर्ष की महागाथा आगे... |
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चंद्रकान्तादेवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 60 चन्द्रकान्ता को एक प्रेमकथा कहा जा सकता है। यह शुद्ध लौकिक प्रेम कहानी है, जिसमें तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार पाठक को चमत्कृत करते हैं। आगे... |
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चंद्रकान्तादेवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 300
चंद्रकान्ता पुस्तक का सजिल्द संस्करण आगे... |
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चन्द्रकान्ता सन्तति (सेट)देवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 360 चन्द्रकान्ता की रहस्यमयी कहानी का अगला भाग चन्द्रकान्ता सन्तति में, छः भागों में... आगे... |
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चन्द्रकान्ता सन्तति (सेट)देवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 750 चन्द्रकान्ता की रहस्यमयी कहानी का अगला भाग चन्द्रकान्ता सन्तति में, छः भागों में... आगे... |
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चन्द्रकान्ता सन्तति 1देवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 60 हिन्दी का सर्वाधिक चर्चित तिलस्मी उपन्यास - प्रथम भाग आगे... |