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लेखक:

हजारी प्रसाद द्विवेदी

जन्म : श्रावणशुक्ल एकादशी सम्वत् 1964 (1907 ईं.)।

देहावसान : 19 मई, 1979।

बचपन का नाम : बैजनाथ द्विवेदी।

जन्म-स्थान : आरत दुबे का छपरा, ओझलिया, बलिया (उत्तर प्रदेश)

शिक्षा : संस्कृत साहित्य में शास्त्री और 1930 में ज्योतिष विषय लेकर शास्त्राचार्य की उपाधि।

8 नवम्बर, 1930 को हिन्दी शिक्षक के रूप में शान्तिनिकेतन में कार्यारम्भ; वहीं 1930 से 1950 तक अध्यापन; सन् 1950 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी प्राध्यापक औरप हिन्दी विभागाध्यक्ष; सन् 1960-67 में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हिन्दी प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष; सन् 1967 के बाद पुनः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में; कुछ दिनों तक रैक्टर पद पर भी।

हिन्दी भवन, विश्वभारती के संचालक 1945-50; ‘विश्व-भारती’ विश्वविद्यालय की एक्ज़ीक्यूटिव काउन्सिल के सदस्य 1950-53; काशी नागरी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष; 1952-53; साहित्य अकादेमी, दिल्ली की साधारण सभा और प्रबन्ध-समिति के सदस्य; राजभाषा आयोग के राष्ट्रपति-मनोनीत सदस्य 1955; राजभाषा आयोग के राष्ट्रपति-मनोनीत सदस्य 1955; जीवन के अन्तिम दिनों में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष रहे। नागरी प्रचारिणी सभा, काशी के हस्तलेखों की खोज (1952) तथा साहित्य अकादेमी से प्रकाशित नेशनल बिब्लियोग्राफी (1954) के निरीक्षक।

सम्मान : लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्मानार्थ डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर उपाधि (1949), पद्मभूषण (1957), पश्चिम बंग साहित्य अकादेमी का टैगोर पुरस्कार तथा केन्द्रीय साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1973)।

कृतियाँ :

उपन्यास : बाणभट्ट की आत्मकथा, चारु चन्द्रलेख, अनामदाश का पोथा, पुनर्नवा, सहज साधना।

कविता संग्रह : नाथ सिद्धों की रचनाएँ, रजनी दिन नित्य चला ही किया।

कहानी संग्रह : मंत्र-तंत्र।

लेख-निबन्ध : कुटज, अशोक के फूल, स्वतंत्रता संघर्ष का इतिहास, कल्पलता, आलोक पर्व, विचार प्रवाह, भाषा साहित्य और देश।

आलोचना : नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा और दशरूपक, हिन्दी साहित्य की भूमिका, कबीर, महापुरुषों का स्मरण, प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद, हिन्दी साहित्य : उद्भव और विकास, सूर साहित्य, मध्यकालीन बोध का स्वरूप, कालिदास की लालित्य योजना, सन्देश रासक, सहज साधना, सिक्ख गुरुओं का पुण्य स्मरण, मृत्युंजय रवीन्द्र।

पत्र : हजारीप्रसाद द्विवेदी, हजारीप्रसाद द्विवेदी के पत्र।

समग्र : हजारीप्रसाद द्विवेदी ग्रन्थावली (ग्यारह भाग)।

अनुवाद : लाल कनेर (रवीन्द्रनाथ ठाकुर के नाटक ‘रक्तकरबी’ का हिन्दी अनुवाद, मेघदूत एक पुरानी कहानी (व्याख्या)।

प्रस्तुत विवरण निम्न पुस्तकों से लिया हया है (अनामदास का पोथा, आलोक पर्व, भाषा साहित्य और देश, मेघदूत एक पुरानी कहानी।)

अनामदास का पोथा (अजिल्द)

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 199

द्विवेदी जी की अपूर्व उद्घोष...

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अनामदास का पोथा (सजिल्द)

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 595

द्विवेदी जी की अपूर्व उद्घोष...

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अशोक के फूल

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 275

भारतीय मनीषा के प्रतीक और साहित्य एवं संस्कृति के अप्रतिम व्याख्याकार आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबन्धों का संग्रह

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आलोक पर्व

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 595

इस पुस्तक में भारतीय धर्म, दर्शन और संस्कृति के स्वरूप पढ़ने को मिलते हैं...

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कबीर

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 795

कबीर के व्यक्तित्व, साहित्य और दार्शनिक विचारों की आलोचना

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कल्पलता

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 175

निश्चय ही द्विवेदी जी की यह कृति शास्त्र को लोक से जोड़नेवाली उनकी विदग्ध रचनात्मकता का अप्रतिम साक्ष्य है।

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कालिदास की लालित्य योजना

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 400

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कुटज

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 80

भारतीय संस्कृति, इतिहास, साहित्य, ज्योतिष और विभिन्न धर्मों का उन्होंने गम्भीर अध्ययन किया है जिसकी झलक पुस्तक में संकलित इन निबन्धों में मिलती है।

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चारु चन्द्रलेख

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 895

चारु चन्द्रलेख... Novels

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नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा और दशरूपक

हजारी प्रसाद द्विवेदी

मूल्य: Rs. 995

इस पुस्तक में धनंजय कृत कारिकाओं के अलावा धनिक की वृत्ति तथा नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा का परिचय देने के लिए आचार्य द्विवेदी ने अपना एक निबन्ध भी जोड़ा है।

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