लेखक:
मधु कांकरिया
जन्म : 23 मार्च, 1957 (कोलकाता)।
शिक्षा : एम.ए. (अर्थशास्त्र), डिप्लोमा (कंप्यूटर)। कृतियाँ : उपन्यास : खुले गगन के लाल सितारे, सलाम आख़िरी, पत्ताखोर। कहानी-संग्रह : बीतते हुए, अंतहीन मरुस्थल, ...और अंत में ईशु : (...और अंत में ईशु, भरी दोपहरी के अँधेरे, महाबली का पतन, कीड़े, फैलाव, मुहल्ले में, कुल्ला, काली पैंट, महानगर की माँ, फाइल।)। |
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और अंत में ईशुमधु कांकरिया
मूल्य: Rs. 120 यह पुस्तक समाज के मरणासन्न और पुनरुज्जीवित होने की समांतर कथा का वर्णन करती है आगे... |
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खुले गगन के लाल सितारेमधु कांकरिया
मूल्य: Rs. 395 लोग मर रहे हैं, ऊब रहे हैं, घुट रहे हैं, लेकिन विद्रोह नहीं करते क्योंकि वे जीवन से प्यार नहीं करते । आगे... |
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पत्ताखोरमधु कांकरिया
मूल्य: Rs. 300
यह उपन्यास युवाओं में बढ़ती नशे और ड्रग्स की लत पर आधारित उपन्यास.... आगे... |
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भरी दोपहरी के अँधेरेमधु कांकरिया
मूल्य: Rs. 250 |
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युद्ध और बुद्धमधु कांकरिया
मूल्य: Rs. 300 |
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सलाम आखिरीमधु कांकरिया
मूल्य: Rs. 200 समाज में वेश्या की मौजूदगी पर एक चिरन्तन सवाल... आगे... |
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सूखते चिनारमधु कांकरिया
मूल्य: Rs. 130 |
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सेज पर संस्कृतमधु कांकरिया
मूल्य: Rs. 250 यह उपन्यास बेधक, जुझारू, धैर्यवान और अन्ततः विद्रोही स्त्री की आन्तरिक पीड़ा का बड़ा ही मार्मिक विश्लेषण-अंकन करता है। आगे... |