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लेखक:

नामवर सिंह

जन्म : 1927, जीयनपुर, बनारस

आप भारतीय साहित्य के गौरव पुरुष हैं। सन् 1956 में बीएचयू से पीएच.डी. करने के बाद वे बनारस, सागर, जोधपुर, आगरा में अध्यापन कार्य करते हुए 1974 में जेएनयू आए और 18 वर्षों तक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक रहे। भारतीय भाषा केन्द्र, जेएनयू के संस्थापक व प्रथम अध्यक्ष रहे।

रचनाएँ : सेवानिवृत्ति, इतिहास और आलोचना, छायावाद, कविता के नए प्रतिमान, कहानी : नई कहानी, पृथ्वीराज रासो : भाषा और साहित्य, हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योग, दूसरी परंपरा की खोज, वाद विवाद संवाद।

पुरस्कार : प्रो. सिंह को साहित्य अकादमी पुरस्कार, भारत भारती सम्मान जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है और हैदराबाद विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.लिट. की मान उपाधि से अलंकृत किया है। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के वर्तमान कुलाधिपति प्रो. नामवर सिंह आलोचना पत्रिका के प्रधान संपादक भी हैं।

समय से संवाद

नामवर सिंह

मूल्य: Rs. 695

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सम्बोधित

नामवर सिंह

मूल्य: Rs. 399

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सम्मुख

नामवर सिंह

मूल्य: Rs. 450

‘सम्मुख’ नामवर सिंह के साक्षात्कारों की महत्वपूर्ण पुस्तक है।

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साथ साथ

नामवर सिंह

मूल्य: Rs. 250

नामवर सिंह के परिसंवादों का संकलन

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साहित्य की पहचान

नामवर सिंह

मूल्य: Rs. 450

‘साहित्य की पहचान’ मुख्यतः कविता और कहानी केन्द्रित व्याख्यानों और वाचिक टीपों का संग्रह है।

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हिंदी का गद्यपर्व

नामवर सिंह

मूल्य: Rs. 695

इस पुस्तक में अलग-अलग अवसरों पर लिखी गई पाँच समीक्षाएँ भी मौजूद हैं।

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हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग

नामवर सिंह

मूल्य: Rs. 350

हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योग प्रस्तुत पुस्तक का संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण पाठकों के समक्ष नयी साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत है जिसमे

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