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गपगुपंगदास

चारु आनन्द

प्रकाशक : कथा प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :28
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 10110
आईएसबीएन :9788189020903

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

जैसे बूँद-बूँद से गहरे सागर, रेत के कणों से फैले हुए रेगिस्तान बनते हैं, वैसे ही नन्हें बच्चों की सूझ-बूझ से बनती हैं मनोरंजक कहानियाँ। चलो ले चलते हैं तुम्हें अबु, नूतन, कोकिला, जिश्नू ... सो मिलाने। क्या हैं इनमें कोई तुम्हारे जैसा... ?

गप मारने में गपगुपंगदास का कोई मुकाबला नहीं !

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