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सीता के पाँच निर्णय

देवदत्त पट्टनायक

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 10186
आईएसबीएन :9789350643884

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

रामायण मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की गाथा मानी जाती है और उन्हीं को महिमामंडित करती है। भारत से लेकर दक्षिण-पूर्व के दूर-दराज के देशों में रामायण अनेक भाषाओं में उपलब्ध है और हरेक में कुछ अन्तर है, लेकिन सभी मुख्यता श्रीराम को केन्द्र में रखकर लिखी गई हैं। शायद यह पहली बार है कि रामायण की कथा सीता के दृष्टिकोण से बतायी गयी है। देवदत्त पट्टनायक की यह पुस्तक रामायण पर आधारित अनूठी कृति है जिसे पढ़कर अहसास होता है कि रामायण में सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका शायद सीता की थी और पाठक के मन में सीता की एक नयी छवि उजागर होती है - अपनी स्वतन्त्र सोच और स्वयं निर्णय करने की हिम्मत रखने वाली सीता की, जबकि जनसाधारण में यह विश्वास है कि सीता वही करती थीं जो श्रीराम कहते थे।

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