लोगों की राय

नई पुस्तकें >> नहर में बहती लाशें

नहर में बहती लाशें

राजू शर्मा

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :260
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10295
आईएसबीएन :9788183615914

Like this Hindi book 0

। अपनी कहानियों से राजू शर्मा ने जो ख्याति अर्जित की है, उसे कई अर्थों में खास कहा जा सकता है। वे एक ऐसे रचनाकार हैं जो प्रचलित परिपाटियों, मुहावरों, आशयों और सुविधाओं से वीतराग दूरी बनाते हुए अभिव्यक्ति के बेपहचाने बीहड़ रास्ते तलाश करते हैं।

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

‘नहर में बहती लाशें’ कथाकार राजू शर्मा का नया कहानी-संग्रह है। अपनी कहानियों से राजू शर्मा ने जो ख्याति अर्जित की है, उसे कई अर्थों में खास कहा जा सकता है। वे एक ऐसे रचनाकार हैं जो प्रचलित परिपाटियों, मुहावरों, आशयों और सुविधाओं से वीतराग दूरी बनाते हुए अभिव्यक्ति के बेपहचाने बीहड़ रास्ते तलाश करते हैं। राजू शर्मा यथार्थ का उत्खनन करते हैं। इस प्रक्रिया में वे धारणाओं, विमर्शों और निष्कर्षों से टकराते हैं। जटिल रचनात्मक जद्‌दोजेहद के बाद वे किसी वृत्तान्त के बहाने समय का अप्रत्याशित चेहरा प्रकट करते हैं। इन कहानियों को ‘निरी साहित्यिक संरचना’ कहना, सम्भवतः इनकी अर्थसमृद्धि को सीमित करना है। राजनीति, अर्थशास्त्र, संस्कृति, प्रशासन, परम्परा और आधुनिकता की प्रखर समझ के कारण राजू शर्मा ‘सभ्यता के संकटों’ पर व्यापक बहस का प्रस्थान बनाते हैं। इस संग्रह की कहानियों में आश्वस्तकारी वैविध्य है। यह विविधता उस एकरूपता-एकरसता का निषेध है जिससे कई बार हिन्दी कहानी आक्रान्त हो उठती है। नेहरूयुगीन संकल्पों-स्वप्नों के मोहभंग से लेकर एकान्त में स्पन्दित आसक्तियों के संगीत तक इन रचनाओं का विस्तार है। इनमें प्रेम और आकर्षण के अद्‌भुत चित्र हैं। सर्वोपरि यह कि राजू शर्मा भाँति-भाँति से उस सार्थकता का अनुसन्धान करते हैं जो व्यक्ति, समाज और व्यवस्था में विलुप्तप्राय पक्षी हो गई है। भाषा भी राजू शर्मा की रचनात्मक उपलब्धियों का एक आयाम है। इच्छित अर्थ के सर्वाधिक निकट पहुँचती, गद्य की अपूर्व लय से सम्पन्न और सर्जनात्मक दार्शनिकता से युक्त कथाभाषा प्रस्तुत कहानी-संग्रह को अविस्मरणीय बनाती है। एक महत्त्वपूर्ण कहानी-संग्रह।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book