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लेख-निबंध >> भक्ति काव्य से साक्षात्कार

भक्ति काव्य से साक्षात्कार

कृष्णदत्त पालीवाल

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2019
पृष्ठ :398
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10341
आईएसबीएन :9788126313310

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भक्तिकाव्य से साक्षात्कार' एक प्रश्नाकुल अनुभव रहा है। इस अनुभव को आत्मसात करने के प्रक्रिया में जिस आत्ममन्थन की शुरुआत हुई…

भक्तिकाव्य से साक्षात्कार' एक प्रश्नाकुल अनुभव रहा है। इस अनुभव को आत्मसात करने के प्रक्रिया में जिस आत्ममन्थन की शुरुआत हुई और जिस सांस्कृतिक अस्मिता से पाला पड़ा उसे कह पाना सम्भव नहीं है। लेकिन उन अनुभवों की गीली मिट्टी ने आकार ग्रहण करने की ठानी तो उन्हें 'कहे बिना' रह नहीं सका। भक्तिकाव्य की अनुभूति काफी तीव्र और ताजा थी।

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