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उपन्यास >> छाया मत छूना मन

छाया मत छूना मन

हिमांशु जोशी

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :100
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10415
आईएसबीएन :8126310391

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यह उपन्यास एक ऐसी ह्रदय-द्रावक कहानी है, कहानी होते हुए भी जो कहानी नहीं, सच लगती है

यह उपन्यास एक ऐसी ह्रदय-द्रावक कहानी है, कहानी होते हुए भी जो कहानी नहीं, सच लगती है. ऐसा त्याग, ऐसी तपश्चर्या भी कहीं देखने को मिलती है आज. इस उपन्यास में वसुधा के रूप में, जिस वसुधा की सृष्टि हुई है, वह अनुपम है. विस्थापित परिवार के पुनः विस्थापित होने की यह करुण-गाथा बहुत कुछ सोचने के लिए विवश करती है. संघर्ष, शोषण, स्नेह, वासना, त्याग, तिरस्कार के विविध रंगों से रँगी यह कुहासे की तस्वीर आज का यथार्थ भी है कहीं.

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