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भारतीय सौन्दर्य सिद्धान्त की नयी परिभाषा (मराठी से)

सुरेन्द्र बारलिंगे

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :284
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10444
आईएसबीएन :9788126314065

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भारतीय सौन्दर्य सिद्धान्त की नयी परिभाषा' डॉ. सुरेन्द्र बारलिंगे की मौलिक चिन्तनपरक कृति है,

भारतीय सौन्दर्य सिद्धान्त की नयी परिभाषा' डॉ. सुरेन्द्र बारलिंगे की मौलिक चिन्तनपरक कृति है, जिसमें एक ओर उनका सौन्दर्य-शास्त्रीय विश्लेषण आधुनिकता के समवाय में अधिक प्रासंगिक और अद्यतन हो उठा है और दूसरी ओर भारतीय साहित्यशास्त्र की कुछ अवधारणाएं नये रूप में दमक रही हैं. इसमें भरत मुनि से लेकर पण्डितराज जगन्नाथ तक के विकास-क्रम में रस की अवधारणाओं का गहन मौलिक विवेचन है.

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