कहानी संग्रह >> सूखा तथा अन्य कहानियाँ सूखा तथा अन्य कहानियाँनिर्मल वर्मा
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निर्मल वर्मा की कथा में 'पढ़ने' का कोई विकल्प नहीं है; न 'सुनना' न 'देखना', न 'छूना'. वह पढ़ने की शर्तों को कठिन बनती है
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