लेख-निबंध >> आदि, अन्त और आरम्भ आदि, अन्त और आरम्भनिर्मल वर्मा
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जब मनुष्य अपना घर छोड़े बिना निर्वासित हो जाता है, अपने ही घर में शरणार्थी की तरह रहने के लिए अभिशप्त हो जाते है.
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