लोगों की राय

जैन साहित्य >> जैन पूजा काव्य (एक चिन्तन)

जैन पूजा काव्य (एक चिन्तन)

दयाचन्द

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :368
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10508
आईएसबीएन :8126306734

Like this Hindi book 0

भारतीय दर्शन और न्याय के अध्येता इस बात से अच्छी तरह परिचित है कि प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत में जैन न्यायशास्त्रियों ने हिन्दू एवं बौद्ध न्यायशास्त्रियों के साथ वादानुवाद में जमकर भाग लिया है.

भारतीय दर्शन और न्याय के अध्येता इस बात से अच्छी तरह परिचित है कि प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत में जैन न्यायशास्त्रियों ने हिन्दू एवं बौद्ध न्यायशास्त्रियों के साथ वादानुवाद में जमकर भाग लिया है. जैन दर्शन, सिद्धान्त एवं न्याय के प्रकाण्ड विद्वान पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री ने अपने अथक परिश्रम से जैन न्याय सम्बन्धी सामग्री एकत्र कर इस कृति में अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों का प्रामाणिक अध्ययन प्रस्तुत किया है.

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book