गीता प्रेस, गोरखपुर >> तैत्तरीयोपनिषद् तैत्तरीयोपनिषद्गीताप्रेस
|
2 पाठकों को प्रिय 205 पाठक हैं |
इसमें भगवान् ने बतलाया है कि मोक्षरूप परम निःश्रेयसकी प्राप्ति का एकमात्र साधन हेतु ज्ञान ही है। इसके लिए कोई अन्य साधन नहीं है।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book