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कन्नड़ की लोकप्रिय कहानियाँ

बी.एल. ललितांबा

प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12120
आईएसबीएन :9789352663781

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कन्नड़ के आधुनिक कथाकारों की कृतियाँ

कन्नड़ में लोकजीवन में कहानी साहित्य की अत्यंत पुरानी परंपरा है। परंतु मुद्रित रूप में कन्नड़ में आधुनिक कहानियों की परंपरा अन्य भारतीय भाषाओं के आधुनिक साहित्य की तरह उन्नीसवीं सदी के अंतिम भाग तथा बीसवीं सदी के आरंभकाल से शुरू होती है।
भारतीय साहित्य में ही प्रमुख रूप से उभरकर दिखनेवाले वरिष्ठ साहित्यकारों के समकालीन होकर कई युवा लेखकों के परिश्रम के फलस्वरूप कन्नड़ साहित्य भारतीय साहित्य की अग्रपंति में खड़े होने की स्थिति में पहुँचा है। साठ के दशक के बाद आगे बढ़कर महिला संवेदना से परिपूर्ण महिला जीवन के दु:ख-दर्द, शोषण, महिला-पुरुष के बीच सामाजिक दृष्टि, भ्रूण हत्या, कामकाजी महिला की स्थिति को लेकर लिखी गई कहानियाँ; मुसलिम संवेदना—जैसे बोळुवार मोहम्मद कुभ, फकीर अहमद काटपाडी, रंजान, दर्गा, सारा अबूबकर जैसे लेखकों द्वारा रचित कहानियाँ कन्नड़ भाषा को भारतीय साहित्य में विशिष्ट स्थान दिलवाती हैं।
कन्नड़ के मूर्धन्य कथाकारों के विशिष्ट लेखन की झलक है ‘कन्नड़ की लोकप्रिय कहानियाँ’।

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