कविता संग्रह >> अमरुशतकम् अमरुशतकम्कमलेशदत्त त्रिपाठी
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इस प्रसिद्ध ग्रंथ में ऐन्द्रियता और श्रृंगार की, प्रेम और रति की अपार सूक्ष्मताएँ और छबियाँ ऐसे अद्भुत काव्य-कौशल से उकेरी गयी हैं कि उनका मूल संस्कृत के अलावा हिन्दी अनुवाद में भी आस्वाद सम्भव है।
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