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अंडे से निकला आदमी

सुधा मूर्ति

प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :220
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12242
आईएसबीएन : 9789352667277

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इस घटना के बाद विनता ने अपने दूसरे अंडे का पूरा ध्यान रखा और पिछली भूल से सबक लेकर इस बार उसने अंडे को नहीं तोड़ा। महीने और साल बीत गए।

अंत में, एक दिन अंडा अपने आप टूटा और शक्तिशाली पंखों तथा पक्षी जैसे चेहरे वाला एक व्यक्ति उससे बाहर निकला। उसने कहा, ‘‘माता, मैं आ गया। आपके धैर्य के लिए आपका आभारी हूँ। मैं शक्तिशाली हूँ और कहीं भी उड़कर जा सकता हूँ। मैं शक्तिशाली गरुड हूँ। मैं भगवान् विष्णु और उनकी पत्नी लक्ष्मी का वाहन बनूँगा। मैं वचन देता हूँ कि मैं आपको दासता से मुक्ति दिलाऊँगा।’’

इसके बाद वह दूर आकाश में उड़ गया। उसकी माता उसे गर्व से देख रही थीं। प्रसन्न थीं कि अंततः वे उसे देख पाईं और उसने उन्हें दासता से मुक्त कराने का वचन दिया है। विनता ने अपनी मुक्ति के लिए बहुत लंबी प्रतीक्षा की थी।

—इसी पुस्तक से

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