Jal Thal Mal - Hindi book by - Sopan Joshi - जल थल मल - सोपान जोशी
लोगों की राय

नई पुस्तकें >> जल थल मल

जल थल मल

सोपान जोशी

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :210
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12312
आईएसबीएन :9789388183376

Like this Hindi book 0

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

शौचालय का होना या न होना भर इस किताब का विषय नहीं है। यह तो केवल एक छोटी सी कड़ी है, शुचिता के तिकोने विचार में। इस त्रिकोण का अगर एक कोना है पानी, तो दूसरा है मिटटी, और तीसरा है हमारा शरीर। जल, थल और मल। पृथ्वी को बचाने की बात तो एकदम नहीं है। मनुष्य की जात को खुद अपने को बचाना है, अपने आप ही से। पुराना किस्सा बताता है की समुद्र मंथन से विष भी निकलता है और अमृत भी। यह धरती पर भी लागू होता है। हमारा मल या तो विष का रूप ले सकता है या अमृत का। इसका परिणाम किसी सरकार या राजनीतिक पार्टी या किसी नगर की नीति-अनीति से तय नहीं होगा। तय होगा तो हमारे समाज के मन की सफाई से। जल, थल और मल के संतुलन से।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book