लोगों की राय

नई पुस्तकें >> देवी के डीपीटी बनने की कहानी

देवी के डीपीटी बनने की कहानी

पुष्पेश पंत

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12418
आईएसबीएन :9789389577945

Like this Hindi book 0

देवी के डीपीटी बनने की कहानी

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में देवी प्रसाद त्रिपाठी के रूप में छात्र संक्रियतावादी का अपना सफर शुरू करनेवाले डी.पी.टी. ने जे.एन.यू छात्रसंघ के इतिहास में सबसे लम्बी अवधि तक अध्यक्ष-पद पर बने रहने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने 1973 में श्रीमती इन्दिरा गांधी द्वारा थोपे गए बदनाम आपातकाल के दौरान इस विश्वविद्यालय में एक गौरवपूर्ण प्रतिरोध-आन्दोलन का नेतृत्व किया। परिसर में उनकी छवि आज भी एक नायक की छवि बनी हुई है। डीपीटी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी के विश्वासपात्र और घनिष्ठ सहयोगी थे। मीडिया उनका उल्लेख मानव कम्प्यूटर के रूप में करता था। डीपीटी ने विदेशों में पचास से अधिक विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिए है और कुछ समय इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाया भी। राज्यसभा के सदस्य रहे डीपीटी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव और प्रमुख प्रवक्ता रहे। वह विचार न्यास के संस्थापक और विचार प्रधान पत्रिका ‘थिंक इंडिया क्वार्टरली’ के मुख्य सम्पादक भी थे।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book