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कहानी संग्रह >> देखन में छोटे लगैं

देखन में छोटे लगैं

चम्पा श्रीवास्तव

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :168
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13089
आईएसबीएन :9788180316029

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प्रस्तुत पुस्तक 'देखन में छोटे लगें' 1०1 लघुकथाओं का संकलन है

प्रस्तुत पुस्तक 'देखन में छोटे लगें' 1०1 लघुकथाओं का संकलन है। लघुकथा हिन्दी कथा साहित्य की एक नयी उपलब्धि है। यों इस विधा को नीतिकथा, प्रबोधकथा, बालकथा आदि से जोड़ा गया है, परन्तु यह हिन्दी की एक स्वायत्त विधा है।
इसमें लेखिका ने अपने आँखों देखे सत्य को और भोगे हुए यथार्थ को अभिव्यक्ति दी है। इस कृति का फलक बड़ा व्यापक है। वर्तमान समाज के प्राय: प्रत्येक पक्ष पर इसमें विचार किया गया है। लेखिका ने आज की अमानुषिकता पर अपनी मनोव्यथा व्यक्त की है, राजनीतिक विसंगतियों के प्रति आक्रोश व्यक्त किया है तो दीनो-दुर्बलों के प्रति करुणा को स्वर दिया है।
प्रस्तुत कथा-संकलन पाठकों के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय होगा।

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