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उपन्यास >> कंकाल

कंकाल

जयशंकर प्रसाद

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :216
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13168
आईएसबीएन :9788192434100

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कंकाल' भारतीय समाज के विभिन्न संस्थानों के भीतरी यथार्थ का उद्‌घाटन करता है। समाज की सतह पर दिखायी पड़नेवाले धर्माचार्यों, समाज- सेवकों, सेवा-संगठनों के द्वारा विधवा और बेबस स्त्रियों के शोषण का एक प्रकार से यह सांकेतिक दस्तावेज है

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