लोगों की राय

कहानी संग्रह >> ऐलिस एक्का की कहानियाँ

ऐलिस एक्का की कहानियाँ

वंदना टेटे

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :104
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13390
आईएसबीएन :9788183617918

Like this Hindi book 0

हमारा समाज, इतिहास और साहित्य जीवन के हर क्षेत्र में स्त्रियों का संक्षेपण करता है- विशेषकर, हम आदिवासी स्त्रियों का

आदिवासी स्त्री लेखकों की रचनाएँ न सिर्फ भारतीय समाज के अदेखे बहुभाषायी और बहुसांस्कृतिक संसार को दर्ज करती हैं बल्कि पूर्वग्रहों और गैर-बराबरी से मुक्त एक स्वस्थ लोकतान्त्रिक समाज की पुनर्रचना के लिए उत्प्रेरित भी करती हैं। यह इसलिए भी महत्तपूर्ण है क्योंकि आदिवासी स्त्री-लेखन न तो नारीवाद के प्रभाव से उपजा है और न ही दलितवाद की तरह किसी एक खास सामाजिक वर्ग से मुक्ति चाहता है। आदिवासियों का सच एक अलग सांस्कृतिक विश्व है जहाँ आदिवासी स्त्रियाँ अपनी विशिष्ट स्त्रीगत समस्याओं पर बात करते हुए भी गैर-आदिवासी स्त्री-लेखन की तरह 'देह' की मुक्ति या 'पुरुष-सत्ता' के सवालों को नहीं उठातीं, बल्कि अपनी सामूहिक आदिवासी चेतना के कारन वे सीधे-सीधे उस विश्व से टकराती हैं जो श्रम और सृष्टि की अवमानना करता है। जो इंसानी समाज का नस्लों, धर्मों, जातियों के आधार पर-रंग, भाषा और लिंग के आधार पर-भेदभाव करता हैं, उसका संकुचन व् संक्षेपण करता है; जैसाकि रोज केरकेट्टा सहजता से इस सच्चाई को उद्घाटित करती हैं : 'स्कूल के दिनों में ही साहित्य के विषय में हमें संक्षेपण करना सिखाया जाता है। स्त्रियों के बारे में समाज भी हमें ऐसा ही नजरिया देता है। हमारा समाज, इतिहास और साहित्य जीवन के हर क्षेत्र में स्त्रियों का संक्षेपण करता है- विशेषकर, हम आदिवासी स्त्रियों का। हमारा लेखन ऐसे संक्षेपण के खिलाफ है।'

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book