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जीवन प्रबन्धन की शायरी

पवन कुमार सिंह

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :212
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13499
आईएसबीएन :9788183613972

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प्रबंधन विषय के जानकार और अच्छी शायरी के पारखी डॉ. पवन कुमार सिंह द्वारा तैयार यह पुस्तक शिक्षकों, प्रशिक्षकों, प्रशासकों, प्रबंधकों, विद्यार्थियों और जननेताओं सभी के लिए समान रूप से उपयोगी है

शे'र और शायरी की सबसे बड़ी खूबी है, उसका ज़बान पर चढ़ जाना। किसी भी अन्य भाषा की कविता शायद ही लोगों को इस तरह याद रहती है जैसे उर्दू की गज़लें और शे'र। छोटी-छोटी लयबद्ध पंक्तियों में जि़न्दगी के रंगों को उकेर देने की खासियत के चलते हर खासों-आम को अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग मिजाज को शे'र कहते बहुत आसानी से सुना जा सकता है। इसी चीज को मद्देनजर रखते हुए यह पुस्तक तैयार की गई है, इसका मकसद ऐसी शायरी को एक जगह इकट्ठा करना है जिसका इस्तेमाल न सिर्फ आम पाठक अपनी जिन्दगी के चुनौतीपूर्ण अवसरों पर कर सकता है, बल्कि प्रबंधन पढ़ाने वाले विशेषज्ञ भी अपने वक्तव्य को ज्यादा आमफहम बनाने के लिए इससे काम ले सकते हैं। प्रबंधन विषय के जानकार और अच्छी शायरी के पारखी डॉ. पवन कुमार सिंह द्वारा तैयार यह पुस्तक शिक्षकों, प्रशिक्षकों, प्रशासकों, प्रबंधकों, विद्यार्थियों और जननेताओं सभी के लिए समान रूप से उपयोगी है। विख्यात और कालजयी शायरों की रचनाओं से सजे इस संकलन में विषय के अनुसार आसानी से इच्छित शे'र मिल सकें, इसके लिए विषयवार विभाजन किया गया है, ताकि वे लोग भी इससे फायदा उठा सकें जिनका शे'रो-शायरी से बहुत गहरा नाता नहीं रहा है। धूप में साये की दीवार उठाते जायें, ढंग जीने का जमाने को सिखाते जायें, खुद ही भर देंगे कोई रंग जमाने वाले, हम तो एक सादा सी तस्वीर बनाते जायें।

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