धर्म एवं दर्शन >> प्रेम से जपा करूँ प्रेम से जपा करूँआदर्श अग्रवाल
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चाहे भजनों की बात करें, चाहे दोहे, लोकगीतों और आराधन-गीतों की, ये सभी देश की लोक-श्रवण परंपरा का अटूट हिस्सा हैं
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