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बाल एवं युवा साहित्य >> बीरबल की कहानियाँ

बीरबल की कहानियाँ

अशोक माहेश्वरी

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :64
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 13774
आईएसबीएन :9788126717101

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ये कहानियाँ जहाँ पाठकों का मनोरंजन करती हैं, वहीं उन्हें समयानुकूल आचरण करने के लिए प्रेरित भी करती हैं।

अकबर विनोदप्रिय शासक था। मनोरंजन और जिन्दादिली का मुरीद। बीरबल का बुद्धिबल तीव्र था। वह समझ लेता था कि बादशाह अकबर की किस भंगिमा का क्या अर्थ है, और बीरबल अकबर की भंगिमा के अनुरूप अपने आपको ढाल लेता था। इसी विशेषता के कारण बीरबल अकबर का सखा बन गया था। अपनी तेज बुद्धि, मनोरंजक बातें, सूझ-पूर्ण ढंग से समस्याओं को सुलझाने और समयानुकूल निर्णय लेने की दक्षता के कारण बीरबल ने अकबर के दरबार में ही नहीं बल्कि उसके जीवन और मन में भी स्थान बना लिया था। समय के साथ बीरबल और अकबर के किस्से मशहूर होने लगे। अपनी रोचकता, मनोरंजन की क्षमता और हाजिरजवाबी की मिसाल होने के कारण इन किस्सों ने तब से लेकर अब तक की लम्बी यात्रा की है और आज भी रोचकता और आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। अकबर और बीरबल के विविध प्रसंगों को लेकर कही गई ये कहानियाँ जहाँ पाठकों का मनोरंजन करती हैं, वहीं उन्हें समयानुकूल आचरण करने के लिए प्रेरित भी करती हैं।

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