हास्य-व्यंग्य >> देश सेवा का धंधा देश सेवा का धंधाविष्णु नागर
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अपने समय की तीखी राजनीतिक-सामाजिक विडम्बनाओं को उन्होंने इस पुस्तक में शामिल सभी व्यंग्यों के माध्यम से पकड़ा है।
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