लोगों की राय

उपन्यास >> हमज़ाद

हमज़ाद

मनोहर श्याम जोशी

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :153
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 13879
आईएसबीएन :9788126702268

Like this Hindi book 0

हमजाद' के चरित्र इस थोड़ी-सी इंसानियत से भी परे जा चुके हैं जिनके भीतर-बाहर को जोशीजी ने अपने सघन पाठ में अदभुत ढंग से रूपायित किया है।

हमजाद' कहानी है उस 'कमीनगी' की जो अपने ठोस आत्मविश्वास के बल पर सबसे चोट हमारे उन विभ्रमों पर करती है हिन्हे हम अपने 'अबोध आशावाद' के चलते अपने इर्द-गिर्द पाले रखते हैं। इसे पढते हुए आप अचानक असहाय महसूस करेंगे और एक रूहानी शैथिल्य आपको घेर लेगा; आप पाएँगे कि आपका समय वास्तव में उससे कहीं ज्यादा घटिया, क्रूर और लिजलिजा है जितना आप आज तक अफवाहों और अख़बारों के माध्यम से जानते आए हैं। बेशक यह कथा उम्मीद का अंत कर देनेवाली है, इसका एक भी चरित्र ऐसा नहीं जो सीख देता हो, 'सुन्दर भविष्य' का कोई सपना बुनता हो; सब अपने-अपने नरक में इतने गहरे डूबे हुए हैं कि उन्हें अपने अलावा किसी और इकाई का खयाल तक नहीं आता। लेकिन क्या थोड़ी-सी झूठी इंसानियत के साथ यह हम ही नहीं हैं? 'हमजाद' के चरित्र इस थोड़ी-सी इंसानियत से भी परे जा चुके हैं जिनके भीतर-बाहर को जोशीजी ने अपने सघन पाठ में अदभुत ढंग से रूपायित किया है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book