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पर्यावरण एवं विज्ञान >> जंगल की बातें

जंगल की बातें

रामेश बेदी

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :204
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13937
आईएसबीएन :9788126708178

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जंगल के जीव-जन्तुओं की छियासठ घटनाओं का इन कहानियों में वर्णन है।

जंगल के जीव-जन्तुओं की छियासठ घटनाओं का इन कहानियों में वर्णन है। इन्सान के समान ये जीव संवेदनशील होते हैं। सुख-दुख की अनुभूति, ममता, स्नेह, अनुराग, वात्सल्य जैसी कोमल भावनाएँ इनमें इन्सान के समान ही देखी जाती हैं। इनमें जीवनसंगिनी और भाई-बहनों का रिश्ता सुखमय होता है। अपने-पराए में भेदभाव के बिना मौसियाँ एक दूसरे के बच्चों को अपना स्तनपान कराके पाल लेती हैं। बीमार, असहाय की जीवन-रक्षा के लिए भाई-बन्धु शिकार मारकर उसे खिलाते हैं। संकट में फँसे साथी की और सन्तान की जी-जान से रक्षा करते हैं। प्रिय के वियोग में या उसके मर जाने पर शोकाकुल साथी खाना छोड़ देते हैं और प्राण त्याग देते हैं 1 कुदरत के ओपन एअर थिएटर में नीले आसमान को चूमते हुए पहाड़ों और गहरी नदियों में अविराम बहती चंचल सरिताओं के बैकड्रॉप में गूँजते हुए दिलकश संगीत के साथ प्यार-मुहब्बत, प्रेयसी के लिए जानलेवा युद्ध, आहार जुटाने के लिए कड़ा संघर्ष करनेवाले जीवों की इन मर्मस्पर्शी कहानियों में शेर, सिंह, लकड़बग्घा, गीदड़ जैसे मांसाहारियों; हाथी, गेटे, चीतल, सांभर, जैसे शाकाहारियों; जलचरों, सरीसृपों; मोर, कबूतर जैसे शान्तिप्रिय पक्षियों ने सशक्त किरदार निभाए हैं।

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