लोगों की राय

कहानी संग्रह >> लिली

लिली

सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 1999
पृष्ठ :107
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 14011
आईएसबीएन :LEELI182

Like this Hindi book 0

विद्रोही कवि निराला अपनी कहानियों में भी विद्रोही नजर आते हैं।

निरालाजी की कहानियों का प्रथम संग्रह-आज से प्राय: पाँच दशक पूर्व लिखी गयी कहानियाँ, जिनमें तत्कालीन सामाजिक परिवेश है, नारी है, और नारी-जीवन की समस्याएँ हैं। निरालाजी की दूरगामी दृष्टि अपने समय से काफी आगे देखती है और इसीलिए उनकी लेखनी तमाम सामाजिक बुराइयों, कुसंस्कारों और अन्ध रूढ़ियों पर प्रहार करती चलती है। विद्रोही कवि निराला अपनी कहानियों में भी विद्रोही नजर आते हैं।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book