उपन्यास >> मैं बोरिशाइल्ला मैं बोरिशाइल्लामहुआ माजी
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समय तथा समाज की तमाम विसंगतियों को अपने में समेटे एक बहुआयामी उपन्यास है - ‘मैं बोरिशाइल्ला। इसमें प्रेम की अन्तःसलिला भी बहती है और एक राष्ट्र के टूटने और बनने की कथा भी।
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