संचयन >> परसाई रचनावली: खंड -1-6 परसाई रचनावली: खंड -1-6हरिशंकर परसाई
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रचनाशिल्प के नाते इन कहानियों की भाषा का ठेठ देसी मिजाज और तेवर तथा उसमें निहित व्यंग्य हमें गहरे तक प्रभावित करता है ।
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