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प्रतिनिधि कविताएं: अरुण कमल

अरुण कमल

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 14187
आईएसबीएन :9788126724093

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अरुण कमल की कविताएँ एक साथ अनुभवजन्य हैं और अनुभवसुलभ। अनछुए बिम्ब, अभिन्न पर कुछ अलग से, अरुण कमल के काव्य-जगत में सहज ही ध्यान खींचते हैं और अपने समकालीनों में उन्हें एक अलग पहचान देते हैं।

अरुण कमल की कविता का उर्वर प्रदेश लगभग तीन दशकों में फैला हुआ है। अरुण कमल की कविता में उस अभिनव काव्य-सम्वेदना का आद्यक्षर और उसका पूरा ककहरा दिखाई पड़ता है, जिससे हिन्दी कविता का नया चेहरा आकार लेता प्रतीत होता है। अरुण कमल की कविता की बहुत बड़ी विशेष्ज्ञता वह अपनत्व है जो बहुत हद तक उनके व्यक्तित्व का ही हिस्सा है। उनकी कविताओं से होकर गुजरना एक अत्यन्त आत्मीय स्वजन के साथ एक अविस्मरणीय यात्रा है। अरुण कमल की कविताएँ एक साथ अनुभवजन्य हैं और अनुभवसुलभ। अनछुए बिम्ब, अभिन्न पर कुछ अलग से, अरुण कमल के काव्य-जगत में सहज ही ध्यान खींचते हैं और अपने समकालीनों में उन्हें एक अलग पहचान देते हैं। अरुण कमल की सबसे सधी कविताओं में अनन्य अर्थगौरव और अनुगूँज है। यह अर्थगुरुता या अर्थगहनता जिससे कविता पन्नें पर जहाँ खत्म होती है वहाँ खत्म नहीं होती बल्कि अपने अर्थ और असर की अनुगूँजों से पढ़ने सुननेवालों के मन-मानस में अपने को फिर से सृजित करती है। कवि का सतत सृजन-कर्म उसकी इसी अप्रतिहत विकास-यात्रा के प्रति आश्वस्त करता है।

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