हास्य-व्यंग्य >> तुलसीदास चंदन घिसैं तुलसीदास चंदन घिसैंहरिशंकर परसाई
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तुलसीदास चन्दन घिसैं के आलेखों का केंद्रीय स्वर मुख्यतः सत्ता और संस्कृति के सम्बन्ध हैं।
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