लोगों की राय

उपन्यास >> नक्शे कदम : नये पुराने

नक्शे कदम : नये पुराने

श्यामकृष्ण पाण्डेय

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :280
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15525
आईएसबीएन :9789389742879

Like this Hindi book 0

नक्शे कदम नये पुराने

यह उपन्यास पूर्व स्वतन्त्रता काल से लेकर वर्तमान तक की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक स्थिति को इलाहाबाद के पटल पर रख कर बहुत बारीकी के साथ एक विराट कैनवास पर उकेरता है। इसकी कथा-गाथा ‘मल्टी डायममेंशनल’ है। आज के युवा को उसकी शानदार विरासत से जोड़ने की सार्थक पहल की गई है। युवा एक शक्ति-समूह है। नयी ‘पीढ़ी के हाथ में ही नया भारत है। उस शक्ति को इस उपन्यास के माध्यम से सकारात्मक मोड़ देने में रचनाकार सफल हैं।

लेखक ऐसे परिवार से हैं, जिसके पूर्वजों का स्वतंत्रता संग्राम में पीढी-दर-पीढ़ी योगदान रहा है। इसलिए इस कृति में स्वतंत्रता आन्दोलन की अब तक अनजानी या विस्मृत महत्त्वपूर्ण घटनाओं का प्रामाणिक एवं सजीव दस्तावेजीकरण है। लेखक भारतीय छात्र आन्दोलन की परम्परा से 1960 से 1970 के दशक के दौरान शीर्ष स्तर पर गहराई से जुड़े रहे हैं। इसलिए स्वाधीनता के बाद उपजे युवा आक्रोश और समकालीन राजनीतिक विचारधाराओं की सोच-समझ का इस उपन्यास में अंतरंग विवरण एवं समालोचन है।। भारत के राष्ट्रस्तरीय पर्यों के आयोजन के मूल भाव का विशद वर्णन और उनके ‘सर्व धर्म सद्भाव’ के शाश्वत संदेशों की व्याख्या है।

उपन्यास के नायक ‘श्याम’ और नायिका ‘किरण’ के शालीन, सात्विक, प्लेटोनिक प्रेम का रोमांचक एवं मर्मस्पर्शी विवरण है, जो समाज में फैल रहे ‘लिव इन रिलेशन’ जैसे दुराग्रहों से सीधी मुठभेड़ करता है। यह उपन्यास राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्रों तथा युवा पीढी से जुड़े व्यक्तियों के अतिरिक्त सामान्य पाठकों के लिए भी पठनीय है। इसमें आद्योपांत रोचकता है, विभिन्न समयकाल की धड़कन है, स्पंदन है।

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book