लोगों की राय

नई पुस्तकें >> सरनामी हिंदी हिंदी का विश्व फलक

सरनामी हिंदी हिंदी का विश्व फलक

विमलेश कान्ति वर्मा

भावना सक्सेना

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :262
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15716
आईएसबीएन :9788123797861

Like this Hindi book 0

सदियों-शताब्दियों पूर्व औपनिवेशिक शासन द्वारा जब हजारों भारतीयों को एक ‘एग्रीमेंट’ के तहत मॉरीशस, फीजी, सूरीनाम सरीखे सुदूर और छोटे-छोटे द्वीपीय देशों में ले जाया गया तो भी इन ‘गिरमिटियाँ’ (‘एग्नीमेंट का अपभ्रृंश गिरमिट) ने अपनी भाषा, धर्म और संस्कृति को नहीं छोड़ा। इस पुस्तक में सूरीनाम के विशेष संदर्भ में ‘सरनामी हिंदी’, जो इन देशों के भारतवंशियों की मिश्चित और अपभ्रंशित हिंदी है, के फैलाव और विस्तार के संबंध में बताया गया है। इस क्रम में, प्रवासी भारतीय समाज की उन देशों के भूगोल और संस्कृति के अनुरूप अनेक भाषा समुदायों के संपर्क में आकर हिंदी में आए बदलाव को भी रेखांकित किया गया है। सरनामी हिंदी में रचित साहित्य के कुछ नमूने इस पुस्तक में दिये गए हैं। साथ ही, ‘दस्तावेज’ के अंतर्गत कुछ साक्षात्कार एवं प्रेस की कतरनें, तथा सरनामी के बारे में प्रकाशित महत्वपूर्ण अभिलेखीय सामग्री भी यहाँ दी गई है। सरनामी शब्दावली और भाषा के नमूने पुस्तक को और समृद्ध करते हैं। प्रवासी हिंदी-रूप ‘सरनामी’ पर हिंदी में संभवतः यह पहली पुस्तक ही है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book