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इसीलिए

अशोक कुमार बाजपेयी

प्रकाशक : वी पी पब्लिशर एण्ड डिस्ट्रीव्यूटर प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :102
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 16015
आईएसबीएन :9789384120306

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कवितायें

अनुक्रम

1. हमारा देश निराला है
2. घोषला
3. गौरेया आ जाओ
4. बादरा छाए रहे
5. ऑक्सीजन की तलाश
6. बढ़ता प्रदूषण
7. बचाना है
8. एक पेड़ हमने लगाया
9. जन्म दिन मनाएंगे
10. जल देते हैं
11. इसीलिए
12. चिड़िया और शिकारी
13. बादल आते थे
14. चिड़ियां कहलाती है
15. अवतरण प्रयाग
16. काशी
17. आनन्देश्वर धाम
18. इतिहास होते गिद्ध
19. मजबूर पेड़
20. मै हूँ कितना विशाल
21. हरियाली
22. दोस्ती
23. गोमती
24. पक्षी
25. पक्षियों पर जुल्म
26. सुहाता है
27. पानी दे
28. लहराती है
29. ओ नदियां
30. झुंड में चिड़िया
31. मां गंगा
32. पानी ही पानी
33. मोर
34. व्यवस्था
35. अमियाँ
36. जल की बर्बादी
37. वातावरण बनाओ
38. गर्मी आई
39. तट पर बैठो
40. फलदार पेड़
41. जड़ाए जा रहे हैं
42. अस्तित्व के लिए
43. आशिर्वाद है
44. समझने लगे हैं
45. चिड़ियां
46. अलग कर पाएगा
47. बात करते हैं
48. सुनो मधुर शोर
49. अच्छा लगता है
50. पेड़ लगाया किसने
51. जगाओ
52. पेड़ लगाओ
53. गांव के गहने
54. ऑक्सीजन बिकेगी
55. इसे बचालो अभी समय है
56. गाते नाचते पेड़
57. चलते रहो
58. मुस्करा रहे है
59. पेड़ जीवन देते हैं
60. सारे जहां
61. पेड़ बन गया
62. अपने आस-पास
63. आओ जीवन जिए
64. मानव सहचरी हुयी प्रकृति

 

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