लोगों की राय

कविता संग्रह >> नवान्तर

नवान्तर

देवेन्द्र सफल

प्रकाशक : दीक्षा प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 16021
आईएसबीएन :000000000

Like this Hindi book 0

गीत-कविता का नवान्तरण

अनुक्रमणिका

 
1. मुखौटों का चलन है
2 सूत्रधार तुम
3. टूट गया दर्पण सा
4. आग फैली है
5. वे बरसे नहीं
6. चिरागों को खतरा है
7. सावन सूखा
8. आसमान से आग बरसती
9. सब अपने-अपने में खोये
10. उड़ते कबूतर
11. बोल मत
12. सपने भयानक हैं
13. तमस न्यायाधीश है
14. ऐसे हुए निवेश हैं
15. ये साधक
16. क्या बात करें
17. बिखरे परिपत्र मिले
18. सपने भटक रहे
19. हाथ रहे हरदम खाली
20. मेरे घर में धूप रहे
21. होगा कब परिवर्तन
22, कैसी चली हवायें
23. हँसना भूल गये
24. दिखता ओर-न-छोर है
25. कभी न आया
26. परीक्षा जारी है
27. घुट रही है साँस
28. अपनों से हार गया
29. खिड़की भर धूप
30. बढ़ चलो मनमीत
31. आधार ढहे हैं
32. आ गई नूतन सदी
33. खारापन भीतर - बाहर
34. मैं नया अन्दाज हूँ
35. हम पंछी थे
36. स्वीकार किया
37. दुखों के अनुचर
38. धुंध डूबी शाम
39. एक नदी
40. शीतल पुरवाई में
41. आभास नहीं देना
42. समय के सारथी
43. ओ! हमारे मन
44. स्वस्ति वाचन
45. दर्पण की भाषा
46. डर लगता पहचानों से
47. पीड़ा से नज़दीकी नाता
48. कागजी सम्बन्ध
49. मरु की प्यास
50. तुम हो राजनीति के पण्डित
51. गीत हुए बंजारे
52, नारे गढ़े हैं सूफ़ियाने
53. आँधी आई है

...Prev |

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ

    अनुक्रम

  1. अपनी बात
  2. अनुक्रमणिका

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book