चिन्मय मिशन साहित्य >> अपरोक्षानुभूति अपरोक्षानुभूतिस्वामी चिन्मयानंद
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आत्मा,परमात्मा या ब्रह्म का साक्षात् अपरोक्ष ज्ञान ही अपरोक्षानुभूति है। इस ग्रन्थ में इसी अवस्था को प्राप्त करने की विधि और उसमें सतत् स्थिर रहने का विधान बताया गया है।
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