कहानी संग्रह >> वहीं रुक जाते वहीं रुक जातेनरेन्द्र नागदेव
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इस पुस्तक में मानवीय मूल्यों के विघटन से लेकर सर्वग्राही भौतिकतावाद और उससे उत्पन्न आँच में झुलसती संवेदनाओं का जीवन्त चित्रण किया गया है......
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