उपन्यास >> अमृतफल अमृतफलमनोज दास
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उज्जयिनी के आमोदप्रिय और लोकप्रिय राजा भर्तृहरि को एक योगी ने अचानक थमा दिया एक अमृतफल। दीर्घजीवन और यौवन प्रदान तथा मृतसंजीवनी उसका गुण। राजा ने वह फल लेकर दिया अपनी छोटी रानी को।
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