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मनोरंजक कथाएँ >> वीरांगना लक्ष्मीबाई

वीरांगना लक्ष्मीबाई

रामाश्रय सविता

प्रकाशक : पर्वतीय पुस्तक सदन प्रकाशित वर्ष : 2001
पृष्ठ :24
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 2542
आईएसबीएन :0

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बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मरदानी-वह तो झाँसी वाली रानी थी...

झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखे जाने योग्य है। वह केवल वीरांगना ही नहीं, अपितु एक आदर्श गृहणी, योग्य प्रशासिका, उदार महिषी, उद्भट राजनीतिज्ञ तथा महान युगदृष्टा थीं। भारत की स्वाधीनता हेतु राष्ट्र-प्रेम को ज्वलंत रखने तथा मातृभूमि का ऋण चुकाने के लिए उस वीर रानी ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया....

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