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अमंगलहारी

विवेकी राय

प्रकाशक : ज्ञान गंगा प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :139
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2591
आईएसबीएन :81-85829-94-2

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‘अमंगलहारी’ को पढ़कर पाठकों को सहज ही लग सकता है कि यह लघु उपन्यास लेखक के पूर्व प्रकाशित विशाल उपन्यास ‘मंगल भवन’ का दूसरा भाग अथवा उससे जुड़ा उपसंहार अंश है। ‘मंगल भवन अमंगलहारी’ वाली चौपाई की अर्द्धाली पूर्ण हो जाती है।

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