नारी विमर्श >> सूरजमुखी अँधेरे के सूरजमुखी अँधेरे केकृष्णा सोबती
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डार से बिछुड़ी और यारों के यार से अलग और आगे इस उपन्यास में कृष्णा सोबती ने गहन संवेदना के स्तर पर कलाकार की तीसरी आँख से पर्त-दर-पर्त तन-मन की साँवली प्यास को उकेरा है...
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