"> " />
लोगों की राय

अमर चित्र कथा हिन्दी >> भीम और हनुमान

भीम और हनुमान

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2977
आईएसबीएन :81-7508-446-4

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

338 पाठक हैं

भीम और हनुमान।

Bheem Aur Hanuman A Hindi Book by Anant Pai - भीम और हनुमान - अनन्त पई

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

भीम और हनुमान

प्रस्तुत कथा दो भाइयों के मधुर मिलन की कहानी है। भीम और हनुमान दोनों ही को ‘पवनपुत्र कहा जाता है। यद्यपि दोनों के जीवन काल में युगों का अन्तर है। हनुमान त्रेता युग में हुए और भीम द्वापर में। समय का इतना बड़ा अंतराल होते हुए भी दोनों भाइयों में एक दूसरे के प्रति अगाध प्रेम था।

महाभारत में दोनों भाइयों के मिलन की बड़ी रोचक कथा है, यह प्रसंग भी बड़ा रोचक है।
प्रस्तुत कथा द्रौपदी की स्त्रियोचित सहज भावना का भी परिचय देती है कि वह किस प्रकार अपने स्नेह के बल पर भीम से दुष्कर कार्य करवा लेती है।


भीम और हनुमान

 

जब ईर्ष्यालु कौरवों ने छलपूर्वक अपने चचेरे पांडव भाइयों का राज हथिया लिया, तब शर्त के अनुसार पांडव को अपनी पत्नी द्रौपदी के साथ तेरह वर्ष के लिए वन जाना पड़ा। उनके गुरू धौम्य भी उनके साथ हो लिये।
वन में पहुँचने पर तीसरा भाई अर्जुन देवताओं से दिव्यास्त्र लेने इंद्रकील चला गया ।
पाँच वर्ष बीतने को आये लेकिन अर्जुन अभी तक नहीं लौटा।

वन की हर चीज उनकी याद दिलाती है यह वियोग अब और सहन नहीं होता।
मेरा खुद यही हाल है, अर्जुन के बिना यह वन बहुत सूना लगता है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book