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महासमर - प्रच्छन्न

नरेन्द्र कोहली

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2003
पृष्ठ :618
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 3192
आईएसबीएन :81-7055-512-4

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‘प्रच्छन्न’ महासमर का छठा खंड है। आप इसे पढ़ें और स्वयं अपने आप से पूछें– आपने इतिहास पढ़ा? पुराण पढ़ा? धर्मग्रंथ पढ़ा अथवा एक रोचक उपन्यास? इसे पढ़कर आपका मनोरंजन हुआ? आपका ज्ञान बढ़ा? अथवा आपका विकास हुआ? क्या आपने इससे पहले कभी ऐसा कुछ पढ़ा था?

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