श्रंगार - प्रेम >> दो एकान्त दो एकान्तश्रीनरेश मेहता
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इस उपन्यास में वानीरा और विवेक के माध्यम से इस आधुनिक तनाव वाली घटना-हीन वास्तविकता को अत्यन्त सूक्ष्म शैली, चित्रों और मन: स्थितियों के द्वारा श्रीनरेश मेहता ने प्रस्तुत किया है।
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