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सामाजिक >> स्वप्न ही रास्ता है

स्वप्न ही रास्ता है

लवलीन

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2003
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 391
आईएसबीएन :81-263-0884-2

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‘स्वप्न ही रास्ता है’ उस स्वप्नदर्शी महत्वाकांक्षी युवा पीढ़ी की कथा है जो आज के सिमटे हुए विश्व की निवासी पश्चिमोन्मुख जीवन-शैली एवं नवउपभोक्तावाद के समपोषक है।

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