कहानी संग्रह >> चार दिन की जवानी तेरी चार दिन की जवानी तेरीमृणाल पाण्डे
|
1 पाठकों को प्रिय 272 पाठक हैं |
तेजी से सिकुड़ती इस दुनिया में पिछड़ा भारत ‘नयेपन’ के ओले सह रहा है। नयापन का दायरा तकनीक, पद्धति, वस्तु से लेकर विचार तक फैला है। ...
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book