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हास्य-व्यंग्य >> हीरक जयन्ती

हीरक जयन्ती

नागार्जुन

प्रकाशक : आत्माराम एण्ड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :103
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 4156
आईएसबीएन :81-7043-699-0

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कविवर मृगांक ने सोचा—बारह पाँचे साठ सौ रुपये। कम नहीं होते हैं साठ सौ रुपये। सालभर में इतनी रकम तो दस उपन्यास भी नहीं खींच सकते !

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