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आचार्य श्रीराम शर्मा >> अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए

अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 1999
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4267
आईएसबीएन :00000

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अध्यात्मवाद पर आधारित पुस्तक


यौन सुख की अनियंत्रित बाढ़ आज के भौतिकवाद की भयंकर देन है। वह लोगों के स्वास्थ्य को किस प्रकार बुरी तरह से नष्ट कर रही है, इसका सही अनुमान तो योरोप के अस्पतालों में जाकर ही हो सकता है, पर यदि किसी को उसकी जानकारी देनी ही हो तो यह कहना ठीक होगा कि जिस तरह अपने देश के अशिक्षित लोगों में अंध-विश्वास की बहुतायत है, उसी तरह योरोपीय देशों में अधिकांश व्यक्ति यौन-रोगों से पीड़ित मिलेंगे। "न्यूजवीक" साप्ताहिक ने अपने एक अंक में लिखा है कि योरोप में ४० हजार महिलायें ऐसी हैं, जो इसी कारण कैंसर से बीमार हैं और उनकी कोई चिकित्सा नहीं है। इसी प्रकार अमेरिका के डॉक्टरों ने भी यौन-रोगों को रोक सकने की अपनी सामर्थ्य से हाथ ढीले कर दिये हैं।

यह तूफानी झंझा भौतिकवाद की चलाई हई है। मनुष्य उससे बचना चाहता है तो वह आध्यात्मिकता का आश्रय ले, इसके अतिरिक्त कोई दूसरा उपाय नहीं है। आध्यात्मिकता ही स्वास्थ्य, सदाचार, शांति और नैतिक मूल्य स्थिर रख सकती है।

अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा आदि देशों में विज्ञान लोगों के रोयें-रोयें में बस गया है। हमारी गतिविधियाँ उनके अंधानुकरण की हैं। हम चाहते हैं कि भारतवर्ष भी पाश्चात्य देशों का अनुकरण करे और यंत्रीकरण को बढ़ावा दे, ताकि देश में खुशहाली बढ़े। पर ऐसा सोचते समय हम वहाँ के जीवन में यंत्रीकरण के फलितार्थों की बात भूल जाते हैं। यदि उसका भी समानांतर वर्णन कर दिया जाता तो हम अनुभव करते हैं कि हमारे लिए यंत्रीकरण उतने उपयोगी नहीं हैं, जितना आजकल महत्त्व दिया जा रहा है।

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    अनुक्रम

  1. भौतिकता की बाढ़ मारकर छोड़ेगी
  2. क्या यही हमारी राय है?
  3. भौतिकवादी दृष्टिकोण हमारे लिए नरक सृजन करेगा
  4. भौतिक ही नहीं, आध्यात्मिक प्रगति भी आवश्यक
  5. अध्यात्म की उपेक्षा नहीं की जा सकती
  6. अध्यात्म की अनंत शक्ति-सामर्थ्य
  7. अध्यात्म-समस्त समस्याओं का एकमात्र हल
  8. आध्यात्मिक लाभ ही सर्वोपरि लाभ है
  9. अध्यात्म मानवीय प्रगति का आधार
  10. अध्यात्म से मानव-जीवन का चरमोत्कर्ष
  11. हमारा दृष्टिकोण अध्यात्मवादी बने
  12. आर्ष अध्यात्म का उज्ज्वल स्वरूप
  13. लौकिक सुखों का एकमात्र आधार
  14. अध्यात्म ही है सब कुछ
  15. आध्यात्मिक जीवन इस तरह जियें
  16. लोक का ही नहीं, परलोक का भी ध्यान रहे
  17. अध्यात्म और उसकी महान् उपलब्धि
  18. आध्यात्मिक लक्ष्य और उसकी प्राप्ति
  19. आत्म-शोधन अध्यात्म का श्रीगणेश
  20. आत्मोत्कर्ष अध्यात्म की मूल प्रेरणा
  21. आध्यात्मिक आदर्श के मूर्तिमान देवता भगवान् शिव
  22. आद्यशक्ति की उपासना से जीवन को सुखी बनाइए !
  23. अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए
  24. आध्यात्मिक साधना का चरम लक्ष्य
  25. अपने अतीत को भूलिए नहीं
  26. महान् अतीत को वापस लाने का पुण्य प्रयत्न

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